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दिल्ली में बीजेपी बैठक नाराजगी मामले पर त्रिवेंद्र ने तोड़ी चुप्पी

Fnd, देहरादून: हरिद्वार से बीजेपी सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर इन दिनों राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं है. खास कर दिल्ली में हुई बैठक को लेकर. बताया जा रहा है कि दिल्ली में उत्तराखंड बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक हो रही थी और त्रिवेंद्र सिंह रावत से तुरंत लौट गए. राजनीतिक गलियारों में त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस तरह अचानक बैठक से जाना उनकी नाराजगी बताया जा रहा है.

इस घटना के कुछ राजनीतिक पंडित मान रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसलिए इस बैठक में हरिद्वार और पौड़ी सांसद त्रिवेंद्र रावत अनिल बलूनी नहीं पहुंचे थे. अगले दिन जब त्रिवेंद्र रावत और अनिल बलूनी की अलग से फोटो प्रदेश महामंत्री दुष्यंत गौतम के साथ आई तो इस चर्चा ने और आग पकड़ ली हालांकि सोशल मीडिया पर चल रही इन तमाम चर्चाओं के बाद जो सवाल खड़े हो रहे थे, उनका जवाब आज त्रिवेंद्र रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए दिए.

मीडिया का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि दिल्ली में हुई बैठक से वहां तुरंत ही लौट गए थे यह बिल्कुल सच है. इसके पीछे कोई नाराजगी नहीं बल्कि बात केवल इतनी सी है कि उन्हें किसी दूसरी जगह जाना था. उन्होंने बैठक में शामिल होकर अपनी व्यस्तता की जानकारी दी और तुरंत वहां से निकल गए.

हरक सिंह रावत के आरोपों का दिया जवाब: बीते दिनों हरक सिंह रावत ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने पार्टी चलाने के लिए 30 करोड़ रुपए की एफडी करा रखी है. उन्होंने ने भी बीजेपी में रहते हुए उस एफडी के लिए एक करोड़ रुपए दिए थे. इसके लिए उन्होंने हल्द्वानी और उधम सिंह नगर के खनन करोबारियों से दस-दस लाख रुपए चेक लिए थे

हरक सिंह रावत ने कहा कि उस समय वो खुद वन मंत्री थे और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर त्रिवेंद्र रावत थे. हरक सिंह रावत ने एक तरह से बीजेपी पर धन उगाही की आरोप लगाया था. हालांकि इस मामले में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सब कुछ साफ कर दिया.

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वो हरक सिंह रावत तब से जानते हैं, जब वह 12वीं कक्षा में पढ़ते थे और लगातार उन्हें देखते आ रहे हैं कि वह किस तरह से अपने बयान देते हैं. राजनीति में मौजूद हर व्यक्ति हरक सिंह रावत के बारे में जानता है.

उन्होंने कहा कि वह हरक सिंह के इतिहास से अच्छे से वाकिफ है, जब वह विद्यार्थी परिषद से बीजेपी में उसके बाद बसपा में और फिर कांग्रेस में और फिर भाजपा में और आज फिर वापस कांग्रेस में मौजूद है. वह क्यों इतने जोश में कुछ दिनों से आए हैं,. इसके पीछे के भी कई कारण हो सकते हैं हो सकता है. उन्हें खुद को कहीं साबित करना हो.

हरक सिंह रावत द्वारा लगाए गए चंदे के आरोप का भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि एक पार्टी को चलाने के लिए कार्यकर्ता और पैसे की भी जरूरत होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर पार्टी ने चंदे के पैसे में पारदर्शिता रखते हुए इसे पूरी तरह से नंबर एक में चैक से लिया और चेक के माध्यम से लिया तो इसमें गलत क्या है? उन्होंने कहा कि यह बात सच है कि उसमें पार्टी ने 27 करोड रुपए के चेक प्राप्त किए थे और उन्हें इस बात को स्वीकार करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं है और यह सब ऑन रिकॉर्ड है.

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