Fnd-उत्तरकाशी (उत्तराखंड): धराली आपदा को एक माह हो गया है. लेकिन खीर गंगा में आई भीषण आपदा के बाद हालात वैसे ही बने हुए हैं. वहां दूर-दूर तक बस मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है. हालांकि शासन प्रशासन ने बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं बहाल कर दी हैं. साथ ही रसद सामग्री भी पहुंच रही है. लेकिन ग्रामीणों की दिनचर्या एक जैसे ही बनी हुई है. वहीं हर्षिल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण आपदा प्रभावित लोग उस दर्द को नहीं भूल पा रहे हैं. अभी भी पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है. ग्रामीण अभी भी सामूहिक रूप से भोजन कर रहे हैं.
आपदा ने सबकुछ किया तबाह: गौरतलब हो कि 5 अगस्त को खीर गंगा में मलबे और पानी के रूप में ऐसा सैलाब आया, जिसने कुछ सेकेंड में ही पूरे धराली बाजार और आधे गांव को तबाह कर दिया. करीब 20 से 25 फीट मलबे में बहुमंजिला भवन जमींदोज हो गए. उसमें करीब 62 लोग दब गए, जिसमें धराली गांव के आठ लोग भी शामिल हैं. वहीं दूसरी ओर उससे कुछ हर्षिल में तेलगाड़ में आई आपदा में सेना के 9 जवान लापता हो गए.
आपदा में कई लोगों की गई जान: घटना के करीब दो दिन बाद एक युवक का शव धराली में मलबे से मिला. आपदा के 15 दिन बाद हर्षिल से लापता एक जवान का शव झाला के समीप मिला था. आपदा के दौरान सड़कें और पुल टूटने के कारण प्रशासन की टीम दो दिन बाद धराली पहुंच पाई थी. हालांकि एसडीआरएफ और सेना की टीम पहले दिन ही मौके पर पहुंच गई थी और उन्होंने राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया था.
ग्रामीणों की दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं: कड़ी मशक्कत के बाद पांच दिन बाद धराली और हर्षिल क्षेत्र में बिजली और नेटवर्क बहाली शुरू हो पाई थी. वहीं उसके बाद हेली के माध्यम से रसद सामग्री पहुंचाने का कार्य शुरू किया गया था. साथ ही करीब 20 दिन बाद गंगोत्री हाईवे पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू होने पर रसद सामग्री सड़क मार्ग से हर्षिल घाटी में पहुंची. धराली गांव के ग्रामीणों की दिनचर्या में पिछले एक माह से कोई बदलाव नहीं आया है. सुबह के नाश्ते के बाद हर कोई दूर-दूर तक फैले मलबे को देख अभी भावुक हो रहा है.
सामूहिक रूप से भोजन कर रहे लोग: वहीं आपदा प्रभावित ग्रामीणों के लिए अभी मंदिर प्रांगण में सामूहिक भोजन बन रहा है. अपना घर खो चुके लोग आसपास के बचे हुए घरों में ही शरण लिए हुए हैं. स्थानीय निवासी संजय पंवार ने बताया कि अब भी धराली में सन्नाटा पसरा है. वहीं अभी तक आपदा में अपना होटल व्यवसाय खो चुके लोगों को कोई मदद नहीं मिली है. वहीं धराली के विशेष पैकेज पर भी अभी तक अमल नहीं किया गया. उन्होंने सरकार से धराली पीड़ितों को विशेष पैकेज देने की मांग की
