Fnd,नेशनल डेस्क: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चल रहे वोटर लिस्ट विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) ने नागरिकता की बहस को गर्म कर दिया है। इस प्रक्रिया के तहत जिन दस्तावेज़ों को वैध माना गया है, उनसे कई आम नागरिक अंजान हैं, जबकि आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी जैसे आम पहचान पत्रों को चुनाव आयोग ने नागरिकता का प्रमाण नहीं माना। ऐसे में Delhi-NCR से लेकर बिहार के गांवों तक, लोगों को यह समझने में भारी परेशानी हो रही है कि आखिर नागरिकता को साबित कैसे किया जाए –और ये सवाल महज चुनाव की प्रक्रिया का नहीं, बल्कि पहचान के अधिकार का है।
वोटर लिस्ट रिव्यू: पहचान की कसौटी पर नागरिकता
बिहार चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए विशेष अभियान चलाया है, जिसके तहत नए मतदाताओं को अपने नाम जुड़वाने के लिए विशेष दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। चौंकाने वाली बात ये है कि अब तक लोगों के पास मौजूद सबसे आम दस्तावेज – Aadhaar, PAN, Voter Card – इस प्रक्रिया में नागरिकता का प्रमाण नहीं माने जाएंगे।
ये हैं वे 11 दस्तावेज जो नागरिकता साबित करने के लिए मान्य हैं:
सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा जारी पहचान पत्र/पेंशन ऑर्डर
1 जुलाई 1987 से पहले भारत सरकार या किसी प्राधिकरण द्वारा जारी कोई दस्तावेज
अधिकृत निकाय द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र
भारतीय पासपोर्ट
किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय का मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र
स्थायी निवास प्रमाण पत्र (राज्य सरकार द्वारा जारी)
वन अधिकार प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र (एससी/एसटी/ओबीसी), अधिकृत निकाय द्वारा
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां लागू)
परिवार रजिस्टर (राज्य/स्थानीय निकाय द्वारा तैयार)
सरकार द्वारा भूमि या आवास आवंटन का प्रमाण पत्र
किन दस्तावेज़ों से नहीं साबित होती नागरिकता?
1. आधार कार्ड
भारत में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला पहचान पत्र
इसमें बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत जानकारी शामिल है
लेकिन Aadhaar Act की धारा 9 के अनुसार, यह न तो नागरिकता और न ही डोमिसाइल का प्रमाण है
UIDAI भी इसे सिर्फ पहचान सत्यापन का माध्यम मानता है, नागरिकता का नहीं
2. वोटर आईडी कार्ड (EPIC)
सिर्फ वोट डालने के लिए पहचान पत्र
चुनावव आयोग मानता है कि यह मतदाता सूची पर आधारित है, जिससे नागरिकता की पुष्टि नहीं की जा सकती
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे में कहा गया कि वोटर कार्ड सीधे नागरिकता का प्रमाण नहीं है, क्योंकि यह गलत तरीके से भी बन सकता है
3. पैन कार्ड
आयकर विभाग द्वारा जारी, भारत में आर्थिक गतिविधियों के लिए जरूरी
लेकिन यह नागरिक और विदेशी दोनों को जारी किया जा सकता है, इसलिए इसे नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाता
4. राशन कार्ड
खाद्य सुरक्षा के लिए उपयोगी
पहचान और निवास का प्रमाण है, लेकिन नागरिकता नहीं
कई राज्यों में फर्जी राशन कार्ड बनवाने के मामले आम हैं
किन दस्तावेजों से मानी जाती है नागरिकता?
-भारतीय पासपोर्ट
सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही जारी किया जाता है
इसे पाने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन और नागरिकता की जांच जरूरी होती है
विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा सत्यापन होता है
जन्म प्रमाण पत्र
नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 3 के तहत
यदि व्यक्ति का जन्म भारत में हुआ है और माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक है (1 जुलाई 1987 से बाद में जन्म लेने वाले के लिए)
1950 से 1987 के बीच जन्म लेने वाले भारतीय नागरिक माने जाते हैं यदि जन्म भारत में हुआ हो
नागरिकता प्रमाण पत्र
गृह मंत्रालय द्वारा जारी, जब कोई विदेशी व्यक्ति भारत की नागरिकता लेता है
जैसे गायक अदनान सामी को नागरिकता अधिनियम की धारा 6(1) के तहत नागरिकता दी गई
डोमिसाइल सर्टिफिकेट
राज्य सरकार द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण
NRC (जैसे असम में लागू हुआ) भी नागरिकता प्रमाण के तौर पर काम कर सकता है
बिहार में क्यों हुआ विरोध?
बिहार में विपक्ष ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के जरिए आम नागरिकों, खासकर दूरदराज के ग्रामीणों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। चूंकि जिन दस्तावेजों को मान्य किया गया है, वे अधिकतर शहरी या सरकारी सेवा से जुड़े लोगों के पास ही होते हैं, इसलिए गरीब और अशिक्षित वर्ग को नाम जुड़वाने में कठिनाई हो रही है।