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मणिपुर में मूसलाधार बारिश से भारी तबाही, बाढ़ से 19,811 लोग प्रभावित, 3365 घर जमींदोज

Fnd, इंफाल: मणिपुर में नदियों के उफान पर होने और तटबंधों के टूटने के कारण आई बाढ़ से 19,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ से 3,365 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 19,811 लोग प्रभावित हुए हैं। लोगों को घरों और प्रभावित इलाकों से निकाल कर 31 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
ये राहत शिविर अधिकतर इंफाल ईस्ट जिले में बनाए गए हैं। इंफाल ईस्ट जिले के हेइगांग, वांगखेई और खुरई विधानसभा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं। इनके अलावा सेनापति जिला भी बाढ़ से प्रभावित है। पिछले चार दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन की 47 घटनाएं भी हुई हैं। उन्होंने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ जाने के बाद बाढ़ का पानी खुरई, हेइगांग और चेकॉन इलाकों में भर गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि चेकॉन क्षेत्र में इंफाल नदी के उफान पर आने के बाद ऑल इंडिया रेडियो इंफाल परिसर और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान सहित कई कार्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों और प्रतिष्ठानों के परिसर में जलभराव की सूचना है। उन्होंने बताया कि इंफाल ईस्ट जिले के पोरोम्पट स्थित जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान परिसर में बाढ़ का पानी घुसने से वहां भर्ती कई मरीजों को रविवार शाम अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि बाढ़ का पानी भूतल पर स्थित महिला आर्थोपेडिक एवं सर्जरी वार्ड में घुसने के बाद स्थानीय क्लब, स्वयंसेवकों, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों ने मिलकर मरीजों को वहां से निकाल कर अन्य अस्पतालों में पहुंचाया। उन्होंने बताया कि मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल शहर के कई जलमग्न इलाकों का दौरा किया, जबकि सेना और असम राइफल्स के जवानों ने सबसे अधिक प्रभावित जिले इंफाल ईस्ट में जलमग्न इलाकों से लगभग 800 लोगों को बचाया।
राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भल्ला ने मुख्य सचिव पी.के. सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंफाल में कांगला नोंगपोक थोंग, लैरिक्येंगबाम लेइकाई और सिंगजामेई ब्रिज का दौरा किया और समग्र स्थिति का आकलन किया। उन्होंने बताया कि इंफाल ईस्ट जिले में इरिल नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान को पार कर गया, लेकिन अभी इसने तटबंधों को पार नहीं किया है। लगातार बारिश को देखते हुए राज्यपाल ने इंफाल ईस्ट और वेस्ट जिलों तथा सेनापति जिले के सेनापति उप-मंडल के स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश अगले आदेश तक और बढ़ाने की घोषणा की है।
अधिकारियों ने बताया कि व्यूलैंड कॉलोनी के पास सेनापति नदी के उफान पर आने से सेनापति जिले के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं। एक बयान में कहा गया कि भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने शनिवार को लगभग 800 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। असम राइफल्स के जवानों को त्वरित प्रतिक्रिया दलों के साथ सबसे अधिक प्रभावित स्थानों पोरोम्पट, वानखेई, संजेनथोंग, पैलेस कंपाउंड, न्यू चेकॉन, खुरई हेइक्रमाखोंग हेइनांग, सोइबाम लेइकाई, वांगखेई अंगोम लेइकाई, इंफाल ईस्ट जिले के नोंग्मेइबुंग राज बारी और आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया है।

बयान में कहा गया, ‘‘सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए लोगों की कुल संख्या लगभग 800 है, जिनमें 10 से 20 दिव्यांगजन और वृद्ध शामिल हैं।’’ इस बीच लोकसभा सदस्य अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने राज्यपाल से बाढ़ की स्थिति को ‘‘राज्य आपदा’’ घोषित करने का आग्रह किया है। भल्ला को लिखे पत्र में अकोईजाम ने कहा कि इससे वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए संस्थागत उपायों को सक्रिय करने में मदद मिलेगी। कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष कैशम मेघचंद्र सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि जल संसाधन विभाग राज्य के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ को नियंत्रित करने में विफल रहा है।

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