Fnd, बांदा में दुष्कर्म का शिकार हुई तीन वर्षीय मासूम ने सात दिन तक अस्पताल में मौत से जंग लड़ने के बाद दम तोड़ दिया। सात दिनों में बच्ची ने जीने के लिए काफी संघर्ष किया, लेकिन अंत में वह बुधवार सुबह खामोश हो गई। यह देख परिजनों के साथ पीआईसीयू में बच्ची की देखभाल कर रही स्टाफ व डॉक्टरों की आंखों में भी आंसू छलक उठे। स्वरूप नगर पुलिस ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया।
बांदा में सात दिन पहले तीन वर्षीय बच्ची के साथ एक युवक ने जंगल में दुष्कर्म किया था। उसके साथ हैवानियत की हदें पार कर दीं थीं। हैलट में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, न्यूरो रोग विभाग समेत पांच विभाग के डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और बच्ची का जीवन बचाने का प्रयास किया। लेकिन बुधवार को मासूम की मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक नाजुक अंगों में गंभीरता और संक्रमण के चलते बच्ची कोमा में चली गई थी, मासूम को बचाने के लिए डॉक्टर रात-दिन उसकी देखभाल में लगे हुए थे।
लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि मंगलवार देर रात बच्ची अचानक डीप कोमा में जाने लगी और बुधवार सुबह दम तोड़ दिया। उधर, स्वरूप नगर थाने की पुलिस ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया, जो तीन डॉक्टरों के पैनल से वीडियो ग्राफी के माध्यम से हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिसरा सुरक्षित रखा गया है और स्लाइड भी बनाई गई।