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विधानसभा अध्यक्ष के प्रोटोकॉल में चूक! प्रशासन से आया जवाब

Fnd, देहरादून: उत्तराखंड में अफसरों पर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का प्रोटोकॉल फॉलो नहीं करने के आरोप लग रहे हैं. अभी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रोटोकॉल में लापरवाही का मामला भुलाया भी नहीं जा सका था कि अब खुद विधानसभा अध्यक्ष ने भी बड़े सवाल खड़े करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. हालांकि, मामले पर प्रशासन ने जो जवाब दिया है, उससे विधानसभा अध्यक्ष के प्रोटोकॉल मामले में एक नया मोड़ आ गया है.
विधानसभा अध्यक्ष का स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में प्रोटोकॉल फॉलो ना होने का मामला अब नए मोड़ पर आ खड़ा हुआ है. दरअसल, विधानसभा उपसचिव हेमचंद्र पंत का एक पत्र खूब वायरल हो रहा है. यह पत्र मुख्य सचिव आनंद वर्धन को लिखा गया है, जिसमें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के प्रोटोकॉल के अनुसार मंच पर जगह नहीं दिए जाने को लेकर बात कही गई है.

विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय ने जताई नाराजगी: इस पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष एक संवैधानिक पद है और उसके अनुरूप स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में अध्यक्ष को गरिमा के लिहाज से बैठने के लिए उचित स्थान तय नहीं किया गया और इसीलिए इस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने नाराजगी जाहिर की है. साथ ही ऐसी स्थिति में इस कार्यक्रम में सम्मिलित होना उचित नहीं बताया गया है. यह पत्र 15 अगस्त को ही लिखा गया और बताया गया कि विधानसभा अध्यक्ष इसीलिए कार्यक्रम में शामिल भी नहीं हुईं.

पहले ही दे दी गई थी सूचना: इस मामले में उस समय नया मोड़ आ गया, जब जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि विधानसभा अध्यक्ष के स्टाफ ने पहले ही अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के मुख्य कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की पुष्टि कर दी थी. 13 अगस्त और 14 अगस्त को भी विधानसभा अध्यक्ष के स्टाफ ने उनके कार्यक्रम को लेकर बात स्पष्ट की थी. जिसमें बताया गया था कि विधानसभा में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसीलिए वह स्वतंत्रता दिवस के परेड ग्राउंड स्थित कार्यक्रम में मौजूद नहीं हो सकती हैं.
विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय से जवाब आना बाकी: अब सवाल ये है कि जब पहले ही विधानसभा अध्यक्ष के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की पुष्टि हो गई थी, तो फिर प्रोटोकॉल में चूक की बात कहां से आई? उधर, अब प्रशासन के स्तर पर लिखित रूप से इस पत्र को जारी करने के बाद मामले में गेंद एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय के पास पहुंच गई है. जिस पर जवाब आना अभी बाकी है.

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